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Gangster Chhota Rajan को मिली बड़ी राहत, बॉम्बे हाई कोर्ट ने जय शेट्टी हत्या मामले में दी जमानत

Gangster Chhota Rajan: गैंगस्टर छोटा राजन को 2001 में हुए जय शेट्टी हत्या मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस मामले में उन्हें पहले ही इस साल दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस रेवती मोहिते डेर और जस्टिस प्रित्वी राज चव्हाण की एक डिवीजन बेंच ने उन्हें 1 लाख रुपये के बांड पर जमानत दी।

छोटा राजन की स्थिति

छोटा राजन इस समय तिहाड़ जेल में बंद है। उन पर कई मामलों में जबरन वसूली और संबंधित अपराधों के लिए आरोप लगाए गए हैं। जय शेट्टी हत्या मामले में उनके खिलाफ भी MCOCA के तहत चार्ज लगाए गए थे। इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को अलग-अलग पिछले ट्रायल में दोषी ठहराया गया था, जबकि एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। राजन पहले से ही 2011 में पत्रकार जेडी डे की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

Gangster Chhota Rajan को मिली बड़ी राहत, बॉम्बे हाई कोर्ट ने जय शेट्टी हत्या मामले में दी जमानत

गिरफ्तारी की कहानी

छोटा राजन, जो हमेशा किसी न किसी तरीके से बच निकलता था, एक फोन कॉल की वजह से पकड़ा गया। राजन आमतौर पर VOIP नंबर से कॉल करता था, लेकिन उस दिन उसने अपने एक करीबी दोस्त की हाल-चाल जानने के लिए व्हाट्सएप के जरिए कॉल की। सुरक्षा एजेंसियों ने इस कॉल को टेप किया और सतर्क हो गईं। फोन पर राजन ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित नहीं है, इसलिए वह जल्द ही वहां से चला जाएगा। इसके बाद, एजेंसियों ने इंटरपोल से संपर्क किया और उन्हें भी सतर्क कर दिया।

25 अक्टूबर 2015 को, ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस को पता चला कि एक भारतीय व्यक्ति बाली जाने वाला है। संघीय पुलिस ने इंटरपोल के जरिए बाली इमिग्रेशन विभाग को सूचित किया, और जैसे ही छोटा राजन का विमान बाली पहुंचा, उसे पकड़ लिया गया। फिर उसे भारत लाया गया। गिरफ्तारी के समय, राजन बहुत डरा हुआ था। उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा कि डी कंपनी उसकी जान के पीछे है। इसके बाद, राजन को तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

न्यायालय की सुनवाई

बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान, राजन के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को अन्य आरोपियों के साथ समानता के आधार पर जमानत दी जानी चाहिए। वकील ने यह भी बताया कि छोटा राजन की गिरफ्तारी से लेकर आज तक की प्रक्रिया में कई प्रकार की विधिक अनियमितताएं हुई हैं। जजों ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राजन को जमानत देने का निर्णय लिया।

छोटे राजन का प्रभाव

छोटा राजन, जो एक समय में भारत के सबसे बड़े गैंगस्टरों में से एक माना जाता था, का जीवन और उसका अपराध साम्राज्य भारत और उसके बाहर चर्चा का विषय रहा है। वह मुंबई के अंडरवर्ल्ड में सक्रिय था और उसके खिलाफ कई हत्याएं, जबरन वसूली और अन्य गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं। उसकी जमानत से उसकी गतिविधियों पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो सकती है।

संभावित परिणाम

छोटा राजन की जमानत से संभावित परिणामों की एक श्रृंखला पैदा हो सकती है। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि आपराधिक मामलों में जमानत की प्रक्रिया में काफी जटिलताएँ होती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से अन्य गैंगस्टरों को भी उम्मीद मिलेगी कि वे अपने मामलों में जमानत प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अलावा, इस फैसले से यह भी चिंता बढ़ सकती है कि क्या राजन और उसके साथियों की गतिविधियाँ फिर से शुरू हो सकती हैं। सामाजिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहना होगा।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

छोटा राजन की जमानत पर विभिन्न नागरिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रियाएँ दी हैं। कुछ लोगों ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में एक सकारात्मक कदम बताया है, जबकि अन्य ने चिंता व्यक्त की है कि इससे अपराध की गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय का प्रभाव समाज में कानून व्यवस्था पर पड़ सकता है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से अपील की है कि वह गैंगस्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

छोटा राजन को मिली जमानत एक महत्वपूर्ण घटना है, जो कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रणाली के सामने कई सवाल खड़े करती है। यह निर्णय दिखाता है कि कैसे न्यायालय प्रणाली में विभिन्न दृष्टिकोणों को समझते हुए निर्णय लिए जाते हैं।

इस मामले ने यह भी साबित किया है कि गैंगस्टरों और संगठित अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में न्यायपालिका की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि छोटा राजन अपनी जमानत का उपयोग कैसे करता है और क्या वह अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करता है।

समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए नागरिकों को जागरूक रहना होगा और न्यायिक प्रणाली पर विश्वास बनाए रखना होगा। यह सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण करें।

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